ज़बूर 87

सिय्यून अक़्वाम की माँ है

1क़ोरह की औलाद का ज़बूर। गीत।

उस की बुन्याद मुक़द्दस पहाड़ों पर रखी गई है।

2रब्ब सिय्यून के दरवाज़ों को याक़ूब की दीगर आबादियों से कहीं ज़ियादा पियार करता है।

3ऐ अल्लाह के शहर, तेरे बारे में शानदार बातें सुनाई जाती हैं। (सिलाह)

4रब्ब फ़रमाता है, “मैं मिस्र और बाबल को उन लोगों में शुमार करूँगा जो मुझे जानते हैं।” फिलिस्तिया, सूर और एथोपिया के बारे में भी कहा जाएगा, “इन की पैदाइश यहीं हुई है।”

5लेकिन सिय्यून के बारे में कहा जाएगा, “हर एक बाशिन्दा उस में पैदा हुआ है। अल्लाह तआला ख़ुद उसे क़ाइम रखेगा।”

6जब रब्ब अक़्वाम को किताब में दर्ज करेगा तो वह साथ साथ यह भी लिखेगा, “यह सिय्यून में पैदा हुई हैं।” (सिलाह)

7और लोग नाचते हुए गाएँगे, “मेरे तमाम चश्मे तुझ में हैं।”