अल्लाह की क़ुद्रत में से खोज
सबक़ | आयत | नाम | आदमी की आवाज़ | औरत की आवाज़ |
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1 | पैदाइश 1:1-25 | पैदाइश की कहानी: ख़ुदा ने दुनिया को पैदा किया | ||
2 | पैदाइश 2:4-24 | पैदाइश की कहानी: ख़ुदा ने इंसान को पैदा किया | ||
3 | पैदाइश 3:1-13 | पहला गुनाह और अदालत | ||
4 | पैदाइश 3:14-24 | गुनाह किए हुए दुनिया की अदालत | ||
5 | पैदाइश 6:5-9:17 | सैलाब | ||
6 | पैदाइश 12:1-8 पैदाइश 15:1-6 पैदाइश 17:1-7 | ख़ुदा का अब्राम को वादा करना | ||
7 | पैदाइश 22:1-19 | इब्राहीम का इस्हाक़ को क़ुर्बान के तौर पर देना | ||
8 | ख़ुरूज 12:1-28 | फ़सह का वादा | ||
9 | ख़ुरूज 20:1-21 | दस हुक्म | ||
10 | अहबार 4:1-35 | क़ुर्बान का क़ाइदा | ||
11 | यशायाह 53 | यशाया का आने वाला वादा को देखना | ||
12 | लूक़ा 1:26-38 लूक़ा 2:1-20 | ईसा की पैदाइश | ||
13 | मत्ती 3 यूहन्ना 1:29-34 | ईसा का बपतिस्मा लेना | ||
14 | मत्ती 4:1-11 | ईसा की आज़्माइश | ||
15 | यूहन्ना 3:1-21 | ईसा और नीकुदेमुस | ||
16 | यूहन्ना 4:1-26 यूहन्ना 4:39-42 | ईसा और सामरी औरत | ||
17 | लूक़ा 5:17-26 | ईसा का गुनाहों को मुआफ़ देना | ||
18 | मरक़ुस 4:35-41 | ईसा का तूफ़ान को तसल्ली देना | ||
19 | मरक़ुस 5:1-20 | ईसा आदमी से बदरुहें निकाल देता है | ||
20 | यूहन्ना 11:1-44 | ईसा का लाज़र को मुर्दे से जी उठाना | ||
21 | मत्ती 26:26-30 | पहला रब्ब का खाना | ||
22 | यूहन्ना 18:1-19:16 | ईसा का धोका दिए और इल्ज़ाम किए जाना | ||
23 | लूक़ा 23:32-56 | ईसा का मस्लूब किए जाना | ||
24 | लूक़ा 24:1-35 | ईसा का मौत को फ़तह पाना | ||
25 | लूक़ा 24:36-53 | ईसा की नज़र आती और आस्मान पर उठाया जाना | ||
26 | यूहन्ना 3:1-21 | हमें चुनना है |