ज़बूर 134

रब्ब के घर में रात की सिताइश

1ज़ियारत का गीत।

आओ, रब्ब की सिताइश करो, ऐ रब्ब के तमाम ख़ादिमो जो रात के वक़्त रब्ब के घर में खड़े हो।

2मक़्दिस में अपने हाथ उठा कर रब्ब की तम्जीद करो!

3रब्ब सिय्यून से तुझे बर्कत दे, आस्मान-ओ-ज़मीन का ख़ालिक़ तुझे बर्कत दे।