ज़बूर 133

भाइयों की यगाँगत की बर्कत

1दाऊद का ज़बूर। ज़ियारत का गीत।

जब भाई मिल कर और यगाँगत से रहते हैं यह कितना अच्छा और पियारा है।

2यह उस नफ़ीस तेल की मानिन्द है जो हारून इमाम के सर पर उंडेला जाता है और टपक टपक कर उस की दाढ़ी और लिबास के गिरीबान पर आ जाता है।

3यह उस ओस की मानिन्द है जो कोह-ए-हर्मून से सिय्यून के पहाड़ों पर पड़ती है। क्यूँकि रब्ब ने फ़रमाया है, “वहीं हमेशा तक बर्कत और ज़िन्दगी मिलेगी।”