2 कुरिन्थियों 9

मक़द्दसीन की मदद

1असल में इस की ज़रूरत नहीं कि मैं आप को उस काम के बारे में लिखूँ जो हमें यहूदिया के मुक़द्दसीन की ख़िदमत में करना है। 2क्यूँकि मैं आप की गर्मजोशी जानता हूँ, और मैं मकिदुनिया के ईमानदारों के सामने आप पर फ़ख़र करता रहा हूँ कि “अख़या के लोग पिछले साल से देने के लिए तय्यार थे।” यूँ आप की सरगर्मी ने ज़ियादातर लोगों को ख़ुद देने के लिए उभारा। 3अब मैं ने इन भाइयों को भेज दिया है ताकि हमारा आप पर फ़ख़र बेबुन्याद न निकले बल्कि जिस तरह मैं ने कहा था आप तय्यार रहें। 4ऐसा न हो कि जब मैं मकिदुनिया के कुछ भाइयों को साथ ले कर आप के पास पहुँचूँगा तो आप तय्यार न हूँ। उस वक़्त मैं, बल्कि आप भी शर्मिन्दा होंगे कि मैं ने आप पर इतना एतिमाद किया है। 5इस लिए मैं ने इस बात पर ज़ोर देना ज़रूरी समझा कि भाई पहले ही आप के पास आ कर उस हदिए का इन्तिज़ाम करें जिस का वादा आप ने किया है। क्यूँकि मैं चाहता हूँ कि मेरे आने तक यह हदिया जमा किया गया हो और ऐसा न लगे जैसा इसे मुश्किल से आप से निकालना पड़ा। इस के बजाय आप की सख़ावत ज़ाहिर हो जाए।

6याद रहे कि जो शख़्स बीज को बचा बचा कर बोता है उस की फ़सल भी उतनी कम होगी। लेकिन जो बहुत बीज बोता है उस की फ़सल भी बहुत ज़ियादा होगी। 7हर एक उतना दे जितना देने के लिए उस ने पहले अपने दिल में ठहरा लिया है। वह इस में तक्लीफ़ या मज्बूरी मह्सूस न करे, क्यूँकि अल्लाह उस से मुहब्बत रखता है जो ख़ुशी से देता है। 8और अल्लाह इस क़ाबिल है कि आप को आप की ज़रूरियात से कहीं ज़ियादा दे। फिर आप के पास हर वक़्त और हर लिहाज़ से काफ़ी होगा बल्कि इतना ज़ियादा कि आप हर क़िस्म का नेक काम कर सकेंगे। 9चुनाँचे कलाम-ए-मुक़द्दस में यह भी लिखा है, “उस ने फ़य्याज़ी से ज़रूरतमन्दों में ख़ैरात बिखेर दी, उस की रास्तबाज़ी हमेशा तक क़ाइम रहेगी।” 10ख़ुदा ही बीज बोने वाले को बीज मुहय्या करता और उसे खाने के लिए रोटी देता है। और वह आप को भी बीज दे कर उस में इज़ाफ़ा करेगा और आप की रास्तबाज़ी की फ़सल उगने देगा। 11हाँ, वह आप को हर लिहाज़ से दौलतमन्द बना देगा और आप हर मौक़े पर फ़य्याज़ी से दे सकेंगे। चुनाँचे जब हम आप का हदिया उन के पास ले जाएँगे जो ज़रूरतमन्द हैं तो वह ख़ुदा का शुक्र करेंगे। 12यूँ आप न सिर्फ़ मुक़द्दसीन की ज़रूरियात पूरी करेंगे बल्कि वह आप की इस ख़िदमत से इतने मुतअस्सिर हो जाएँगे कि वह बड़े जोश से ख़ुदा का भी शुक्रिया अदा करेंगे। 13आप की ख़िदमत के नतीजे में वह अल्लाह को जलाल देंगे। क्यूँकि आप की उन पर और तमाम ईमानदारों पर सख़ावत का इज़्हार साबित करेगा कि आप मसीह की ख़ुशख़बरी न सिर्फ़ तस्लीम करते हैं बल्कि उस के ताबे भी रहते हैं। 14और जब वह आप के लिए दुआ करेंगे तो आप के आर्ज़ूमन्द रहेंगे, इस लिए कि अल्लाह ने आप को कितना बड़ा फ़ज़्ल दे दिया है। 15अल्लाह का उस की नाक़ाबिल-ए-बयान बख़्शिश के लिए शुक्र हो