1 तवारीख़ 7

इश्कार की औलाद

1इश्कार के चार बेटे तोला, फ़ुव्वा, यसूब और सिम्रोन थे।

2तोला के पाँच बेटे उज़्ज़ी, रिफ़ायाह, यरीएल, यहमी, इब्साम और समूएल थे। सब अपने ख़ान्दानों के सरपरस्त थे। नसबनामे के मुताबिक़ दाऊद के ज़माने में तोला के ख़ान्दान के 22,600 अफ़राद जंग करने के क़ाबिल थे।

3उज़्ज़ी का बेटा इज़्रख़ियाह था जो अपने चार भाइयों मीकाएल, अबदियाह, योएल और यिस्सियाह के साथ ख़ान्दानी सरपरस्त था। 4नसबनामे के मुताबिक़ उन के 36,000 अफ़राद जंग करने के क़ाबिल थे। इन की तादाद इस लिए ज़ियादा थी कि उज़्ज़ी की औलाद के बहुत बाल-बच्चे थे। 5इश्कार के क़बीले के ख़ान्दानों के कुल 87,000 आदमी जंग करने के क़ाबिल थे। सब नसबनामे में दर्ज थे।

बिन्यमीन और नफ़्ताली की औलाद

6बिन्यमीन के तीन बेटे बाला, बकर और यदीअएल थे। 7बाला के पाँच बेटे इस्बून, उज़्ज़ी, उज़्ज़ीएल, यरीमोत और ईरी थे। सब अपने ख़ान्दानों के सरपरस्त थे। उन के नसबनामे के मुताबिक़ उन के 22,034 मर्द जंग करने के क़ाबिल थे।

8बकर के 9 बेटे ज़मीरा, यूआस, इलीअज़र, इलियूऐनी, उम्री, यरीमोत, अबियाह, अनतोत और अलमत थे। 9उन के नसबनामे में उन के सरपरस्त और 20,200 जंग करने के क़ाबिल मर्द बयान किए गए हैं।

10बिल्हान बिन यदीअएल के सात बेटे यऊस, बिन्यमीन, अहूद, कनआना, ज़ैतान, तरसीस और अख़ीसहर थे। 11सब अपने ख़ान्दानों के सरपरस्त थे। उन के 17,200 जंग करने के क़ाबिल मर्द थे।

12सुफ़्फ़ी और हुफ़्फ़ी ईर की और हुशी अख़ीर की औलाद थे।

13नफ़्ताली के चार बेटे यहसीएल, जूनी, यिसर और सल्लूम थे। सब बिल्हाह की औलाद थे।

मनस्सी की औलाद

14मनस्सी की अरामी दाश्ता के दो बेटे अस्रीएल और जिलिआद का बाप मकीर पैदा हुए। 15मकीर ने हुफ़्फ़ियों और सुफ़्फ़ियों की एक औरत से शादी की। बहन का नाम माका था। मकीर के दूसरे बेटे का नाम सिलाफ़िहाद था जिस के हाँ सिर्फ़ बेटियाँ पैदा हुईं।

16मकीर की बीवी माका के मज़ीद दो बेटे फ़रस और शरस पैदा हुए। शरस के दो बेटे औलाम और रक़म थे। 17औलाम के बेटे का नाम बिदान था। यही जिलिआद बिन मकीर बिन मनस्सी की औलाद थे।

18जिलिआद की बहन मूलिकत के तीन बेटे इश्हूद, अबीअज़र और महलाह थे। 19समीदा के चार बेटे अखियान, सिकम, लिक़्ही और अनीआम थे।

इफ़्राईम की औलाद

20इफ़्राईम के हाँ सूतलह पैदा हुआ, सूतलह के बरद, बरद के तहत, तहत के इलिअदा, इलिअदा के तहत, 21तहत के ज़बद और ज़बद के सूतलह।

इफ़्राईम के मज़ीद दो बेटे अज़र और इलिअद थे। यह दो मर्द एक दिन जात गए ताकि वहाँ के रेवड़ लूट लें। लेकिन मक़ामी लोगों ने उन्हें पकड़ कर मार डाला। 22उन का बाप इफ़्राईम काफ़ी अर्से तक उन का मातम करता रहा, और उस के रिश्तेदार उस से मिलने आए ताकि उसे तसल्ली दें। 23जब इस के बाद उस की बीवी के बेटा पैदा हुआ तो उस ने उस का नाम बरीआ यानी मुसीबत रखा, क्यूँकि उस वक़्त ख़ान्दान मुसीबत में आ गया था। 24इफ़्राईम की बेटी सैरा ने बालाई और निशेबी बैत-हौरून और ऊज़्ज़न-सैरा को बनवाया।

25इफ़्राईम के मज़ीद दो बेटे रफ़ह और रसफ़ थे। रसफ़ के हाँ तिलह पैदा हुआ, तिलह के तहन, 26तहन के लादान, लादान के अम्मीहूद, अम्मीहूद के इलीसमा, 27इलीसमा के नून, नून के यशूअ।

28इफ़्राईम की औलाद के इलाक़े में ज़ैल के मक़ाम शामिल थे : बैत-एल गिर्द-ओ-नवाह की आबादियों समेत, मशरिक़ में नारान तक, मग़रिब में जज़र तक गिर्द-ओ-नवाह की आबादियों समेत, शिमाल में सिकम और अय्याह तक गिर्द-ओ-नवाह की आबादियों समेत। 29बैत-शान, तानक, मजिद्दो और दोर गिर्द-ओ-नवाह की आबादियों समेत मनस्सी की औलाद की मिल्कियत बन गए। इन तमाम मक़ामों में यूसुफ़ बिन इस्राईल की औलाद रहती थी।

आशर की औलाद

30आशर के चार बेटे यिम्ना, इस्वाह, इस्वी और बरीआ थे। उन की बहन सिरह थी।

31बरीआ के बेटे हिबर और बिर्ज़ाइत का बाप मल्कीएल थे।

32हिबर के तीन बेटे यफ़्लीत, शूमीर और ख़ूताम थे। उन की बहन सूअ थी।

33यफ़्लीत के तीन बेटे फ़ासक, बिम्हाल और अस्वात थे। 34शूमीर के चार बेटे अख़ी, रूह्जा, हुब्बा और अराम थे। 35उस के भाई हीलम के चार बेटे सूफ़ह, इम्ना, सलस और अमल थे।

36सूफ़ह के 11 बेटे सूह, हर्नफ़र, सूआल, बैरी, इम्राह,

37बसर, हूद, सम्मा, सिल्सा, यित्रान और बईरा थे।

38यतर के तीन बेटे यफ़ुन्ना, फ़िस्फ़ाह और अरा थे।

39उल्ला के तीन बेटे अरख़, हन्नीएल और रिज़ियाह थे।

40आशर के दर्ज-ए-बाला तमाम अफ़राद अपने अपने ख़ान्दानों के सरपरस्त थे। सब चीदा मर्द, माहिर फ़ौजी और सरदारों के सरबराह थे। नसबनामे में 26,000 जंग करने के क़ाबिल मर्द दर्ज हैं।