1 तवारीख़ 18

दाऊद की जंगें

1फिर ऐसा वक़्त आया कि दाऊद ने फ़िलिस्तियों को शिकस्त दे कर उन्हें अपने ताबे कर लिया और जात शहर पर गिर्द-ओ-नवाह की आबादियों समेत क़ब्ज़ा कर लिया।

2उस ने मोआबियों पर भी फ़त्ह पाई, और वह उस के ताबे हो कर उसे ख़राज देने लगे।

3दाऊद ने शिमाली शाम के शहर ज़ोबाह के बादशाह हददअज़र को भी हमात के क़रीब हरा दिया जब हददअज़र दरया-ए-फ़ुरात पर क़ाबू पाने के लिए निकल आया था। 4दाऊद ने 1,000 रथों, 7,000 घुड़सवारों और 20,000 पियादा सिपाहियों को गिरिफ़्तार कर लिया। रथों के 100 घोड़ों को उस ने अपने लिए मह्फ़ूज़ रखा जबकि बाक़ियों की उस ने कोंचें काट दीं ताकि वह आइन्दा जंग के लिए इस्तेमाल न हो सकें।

5जब दमिश्क़ के अरामी बाशिन्दे ज़ोबाह के बादशाह हददअज़र की मदद करने आए तो दाऊद ने उन के 22,000 अफ़राद हलाक कर दिए। 6फिर उस ने दमिश्क़ के इलाक़े में अपनी फ़ौजी चौकियाँ क़ाइम कीं। अरामी उस के ताबे हो गए और उसे ख़राज देते रहे। जहाँ भी दाऊद गया वहाँ रब्ब ने उसे काम्याबी बख़्शी। 7सोने की जो ढालें हददअज़र के अफ़्सरों के पास थीं उन्हें दाऊद यरूशलम ले गया। 8हददअज़र के दो शहरों कून और तिब्ख़त से उस ने कस्रत का पीतल छीन लिया। बाद में सुलेमान ने यह पीतल रब्ब के घर में ‘समुन्दर’ नामी पीतल का हौज़, सतून और पीतल का मुख़्तलिफ़ सामान बनाने के लिए इस्तेमाल किया।

9जब हमात के बादशाह तूई को इत्तिला मिली कि दाऊद ने ज़ोबाह के बादशाह हददअज़र की पूरी फ़ौज पर फ़त्ह पाई है 10तो उस ने अपने बेटे हदूराम को दाऊद के पास भेजा ताकि उसे सलाम कहे। हदूराम ने दाऊद को हददअज़र पर फ़त्ह के लिए मुबारकबाद दी, क्यूँकि हददअज़र तूई का दुश्मन था, और उन के दर्मियान जंग रही थी। हदूराम ने दाऊद को सोने, चाँदी और पीतल के बहुत से तुह्फ़े भी पेश किए। 11दाऊद ने यह चीज़ें रब्ब के लिए मख़्सूस कर दीं। जहाँ भी वह दूसरी क़ौमों पर ग़ालिब आया वहाँ की सोना-चाँदी उस ने रब्ब के लिए मख़्सूस कर दिया। यूँ अदोम, मोआब, अम्मोन, फिलिस्तिया और अमालीक़ की सोना-चाँदी रब्ब को पेश की गई।

12अबीशै बिन ज़रूयाह ने नमक की वादी में अदोमियों पर फ़त्ह पा कर 18,000 अफ़राद हलाक कर दिए। 13उस ने अदोम के पूरे मुल्क में अपनी फ़ौजी चौकियाँ क़ाइम कीं, और तमाम अदोमी दाऊद के ताबे हो गए। दाऊद जहाँ भी जाता रब्ब उस की मदद करके उसे फ़त्ह बख़्शता।

दाऊद के आला अफ़्सर

14जितनी देर दाऊद पूरे इस्राईल पर हुकूमत करता रहा उतनी देर तक उस ने ध्यान दिया कि क़ौम के हर एक शख़्स को इन्साफ़ मिल जाए। 15योआब बिन ज़रूयाह फ़ौज पर मुक़र्रर था। यहूसफ़त बिन अख़ीलूद बादशाह का मुशीर-ए-ख़ास था। 16सदोक़ बिन अख़ीतूब और अबीमलिक बिन अबियातर इमाम थे। शौशा मीरमुन्शी था। 17बिनायाह बिन यहोयदा दाऊद के ख़ास दस्ते बनाम करेती और फ़लेती का कप्तान मुक़र्रर था। दाऊद के बेटे आला अफ़्सर थे।