1 तवारीख़ 14
दाऊद की तरक़्क़ी
1एक दिन सूर के बादशाह हीराम ने दाऊद के पास वफ़द भेजा। राज और बढ़ई भी साथ थे। उन के पास देओदार की लकड़ी थी ताकि दाऊद के लिए महल बनाएँ। 2यूँ दाऊद ने जान लिया कि रब्ब ने मुझे इस्राईल का बादशाह बना कर मेरी बादशाही अपनी क़ौम इस्राईल की ख़ातिर बहुत सरफ़राज़ कर दी है।
3यरूशलम में जा बसने के बाद दाऊद ने मज़ीद बीवियों से शादी की। नतीजे में यरूशलम में उस के कई बेटे-बेटियाँ पैदा हुए। 4जो बेटे वहाँ पैदा हुए वह यह थे : सम्मूअ, सोबाब, नातन, सुलेमान, 5इब्हार, इलीसूअ, इल्फ़लत, 6नौजा, नफ़ज, यफ़ीअ, 7इलीसमा, बाल-यदा और इलीफ़लत।
फ़िलिस्तियों पर फ़त्ह
8जब फ़िलिस्तियों को इत्तिला मिली कि दाऊद को मसह करके इस्राईल का बादशाह बनाया गया है तो उन्हों ने अपने फ़ौजियों को इस्राईल में भेज दिया ताकि उसे पकड़ लें। जब दाऊद को पता चल गया तो वह उन का मुक़ाबला करने के लिए गया। 9जब फ़िलिस्ती इस्राईल में पहुँच कर वादी-ए-रफ़ाईम में फैल गए 10तो दाऊद ने रब्ब से दरयाफ़्त किया, “क्या मैं फ़िलिस्तियों पर हम्ला करूँ? क्या तू मुझे उन पर फ़त्ह बख़्शेगा?” रब्ब ने जवाब दिया, “हाँ, उन पर हम्ला कर! मैं उन्हें तेरे क़ब्ज़े में कर दूँगा।” 11चुनाँचे दाऊद अपने फ़ौजियों को ले कर बाल-पराज़ीम गया। वहाँ उस ने फ़िलिस्तियों को शिकस्त दी। बाद में उस ने गवाही दी, “जितने ज़ोर से बन्द के टूट जाने पर पानी उस से फूट निकलता है उतने ज़ोर से आज अल्लाह मेरे वसीले से दुश्मन की सफ़ों में से फूट निकला है।” चुनाँचे उस जगह का नाम बाल-पराज़ीम यानी ‘फूट निकलने का मालिक’ पड़ गया। 12फ़िलिस्ती अपने देवताओं को छोड़ कर भाग गए, और दाऊद ने उन्हें जला देने का हुक्म दिया।
13एक बार फिर फ़िलिस्ती आ कर वादी-ए-रफ़ाईम में फैल गए। 14इस दफ़ा जब दाऊद ने अल्लाह से दरयाफ़्त किया तो उस ने जवाब दिया, “इस मर्तबा उन का सामना मत करना बल्कि उन के पीछे जा कर बका के दरख़्तों के सामने उन पर हम्ला कर। 15जब उन दरख़्तों की चोटियों से क़दमों की चाप सुनाई दे तो ख़बरदार! यह इस का इशारा होगा कि अल्लाह ख़ुद तेरे आगे आगे चल कर फ़िलिस्तियों को मारने के लिए निकल आया है।” 16दाऊद ने ऐसा ही किया और नतीजे में फ़िलिस्तियों को शिकस्त दे कर जिबऊन से ले कर जज़र तक उन का ताक़्क़ुब किया।
17दाऊद की शुहरत तमाम ममालिक में फैल गई। रब्ब ने तमाम क़ौमों के दिलों में दाऊद का ख़ौफ़ डाल दिया।